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आइ एम जेनी, प्लीज काल मी…ऐसे मैसेज से सावधान, 600 लोग बने शिकार, बंटी- बबली ने बताई ठगी की पूरी कहानी

भिलाई: आनंद विहार कालोनी पद्मनाभपुर निवासी बुजुर्ग से हुई ठगी के मामले का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। पश्चिम बंगाल के कोलकाता से गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपितों ने ठगी के पूरे सिस्टम की जानकारी दी है। आरोपितों ने पुलिस को बताया है कि वे लोग एक फर्जी काल सेंटर चलाते थे। जिसमें वे डेटिंग साइट पर आइडी बनाने, पंजीयन करने, कार्ड बनाने और डेट फिक्स करवाने के नाम पर ठगी करते थे। यदि कोई व्यक्ति बाद में अपने रुपये वापस मांगता तो वे रुपये लौटाने के प्रोसेसिंग फीस के नाम पर भी रुपये ऐंठते थे।

आरोपितों ने पद्मनाभपुर निवासी बुजुर्ग को जिगोलो (मेल सेक्स वर्कर) बनाने के नाम पर अपना शिकार बनाया था। आरोपितों ने बुजुर्ग से कहा था कि यदि वे सर्विस प्रोवाइडर (जिगोलो) बनते हैं तो उन्हें किसी भी महिला के एक डेटिंग करने पर 20 हजार रुपये मिलेंगे। इस तरह से आरोपितों ने पीड़ित से कुल 11 लाख रुपये की ठगी की थी। पुलिस ने इस गिरोह एक एक आरोपित को कोलकाता गिरफ्तार किया है और उसे दुर्ग लाया जा रहा है। साथ ही दो अन्य महिलाओं को नोटिस जारी पुलिस के समक्ष उपस्तित होने के लिए कहा गया है।

एसपी डा. अभिषेक पल्लव ने इस मामले का पर्दाफाश किया। उन्होंने बताया कि आरोपितों ने आनंद विहार कालोनी फेस-2 पद्मनाभपुर निवासी सोमीर कुमार चंद्रा ने इस गिरोह के खिलाफ शिकायत की थी। पीड़ित के पास 23 सितंबर 2022 को एकांश मोटर्स की ओर से एक मैसेज आया था। जिसमें लिखा था कि आइ एम जेनी, प्लीज काल मी, ट्रूली प्राइवेसी जेन्विन…। मैसेज में दिए गए नंबरों पर बात करने पर आरोपितों ने आनलाइन डेटिंग साइट का सदस्य बनाने का झांसा दिया और पंजीयन व आइडी बनाने सहित अन्य प्रक्रियाओं के नाम पर कुल 11 लाख रुपये की ठगी की थी। उन्होंने बताया कि ठगी के इस मामले में सौम्य ज्योति दास (23) निवासी बडोली मोहननपुर हाल निवासी संतोषपुर कोलकाता पश्चिम बंगाल और उसकी प्रेमिका प्रिया मंडल (27) निवासी जोधपुर कालोनी कोलकाता पश्चिम बंगाल को गिरफ्तार किया गया है।

सौम्य ज्योति दास, किसी भी पीड़ित से कंपनी का मैनेजर संजय चौधरी बनकर बात करता था। वहीं आरोपित प्रिया मंडल कंपनी की एमडी बनकर बात करती थी और अपना नाम माही बताती थी। साथ में करने के दौरान ही दोनों आरोपितों में प्रेम संबंध स्थापित हो गया था और वे लोग शनिवार को शादी करने वाले थे। लेकिन, उसके पहले ही वे गिरफ्तार हो गए। दोनों आरोपितों ने यह भी बताया कि ठगी के रुपयों से वे लोग देश के विभिन्न हिस्सों में घूमने जा रहेे थे। उन्होंने बताया कि इस गिरोह का मास्टर माइंड राकेश है। वो सर्वे पार्क संतोषपुर में लिंकिंग अर्थ टेक साल्यूशन एंड क्लाउड डाटा साल्यूशन नाम की कंपनी चलाता था। उसी कंपनी की आड़ में वे लोग इस तरह से ठगी करते थे। उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपित राकेश फरार है। गिरफ्तार आरोपितों के सहयोगी रेहान आलम को भी कोलकाता से पकड़ा गया है। आरोपित रेहान आलम ठगी के लिए लोगों के डेटा और जानकारी खरीदता था और न नंबरों पर ब्लास्ट मैसेज साइट की माध्यम से मैसेज भेजता था। रेहान आलम को पुलिस उसे लेकर दुर्ग लौट रही है। इनके साथ टेलीकालर का काम करने वाली दो महिला दिशा बरुआ और शाहीन को नोटिस देकर दुर्ग बुलाया गया है। दिशा बरुआ, सलोनी और शाहीन, ईशानी बनकर लोगों से बात करती थी।

पुलिस ने बताया कि कोलकाता से गिरफ्तार किया गया तीसरा आरोपित रेहान आलम इस गिरोह के लिए मुख्य काम करता था। वो विभिन्न वेबसाइट से लोगों के डेटा खरीदता था और मीठी मीठी बातें लिखकर ब्लास्ट मैसेज सिस्टम के माध्यम से सभी को मैसेज भेजता था। आरोपित के मैसेज को देखकर यदि कोई व्यक्ति फोन करता तो आरोपित उसे आनलाइन डेटिंग साइड से जोड़ने का झांसा देते और ठगी की शुरुआत करते थे। पीड़ितों से पंजीयन, प्राइवेसी, डेटिंग, मीटिंग, होटल बुकिंग, रुपये लौटाने और लेट फीस के नाम पर रुपये ऐंठते थे। इसके अलावा आरोपित सिल्वर कार्ड, गोल्ड कार्ड, प्लेटिनम कार्ड, डायमंड कार्ड और ग्रीन कार्ड जैसे कार्ड बनाने के नाम पर भी रुपये लेते थे।

इस कार्ड को लेकर आरोपित यह दावा करते थे कि यदि वे किसी महिला से मिलने के लिए होटल में जाते हैं और वहां पर पुलिस आ जाती है तो वे इन कार्ड दिखा देंगे तो पुलिस उन्हें कुछ नहीं करेगी। आरोपित किसी महिला से एक बार मिलने पर 15 से 20 हजार रुपये देने का झांसा देते थे। अब तक की जांच में पता चला है कि आरोपितों ने देश भर के विभिन्न राज्यों में 600 लोगों को अपना शिकार बनाया है। मुख्य आरोपित राकेश की गिरफ्तारी के बाद ठगी की राशि का पता चल सकेगा। राकेश काल सेंटर चलाने के साथ ही ओडिशा और पश्चिम बंगाल में जाकर लोगों के खाते खरीदता था।

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